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प्रीमियम होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ( सेवा सत्कार उद्योग ) के लिए किया गया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार देश के 12 प्रमुख शहरो में सुप्रीम कोर्ट का आदेश गाज बनकर गिरा है। देश के 384 बड़े होटल ( 3 स्टार , 5 स्टार ) इस निर्णय से हलकान हुए है। क्रिसिल ने प्रभावित होटलों को प्रतिशत में समझाया है। सर्वाधिक प्रभावित पुणे रहा है जहाँ 71 प्रतिशत होटल राजमार्ग पर होने से शराब नहीं परोस पाएंगे। कोलकता के राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर 69 प्रतिशत , आगरा के 67 प्रतिशत , चेन्नई के 48 प्रतिशत होटलों की आय इस आदेश के बाद गिरकर आधी रह गई है। इस फहरिस्त मे दिल्ली , मुंबई, हैदराबाद ,बंगलौर भी शामिल है। अकेले महाराष्ट्र में इस निर्णय के बाद आठ लाख लोग रोजगार से वंचित हो गए है। देश में रोजगार उपलब्ध कराने वाले क्षेत्रों में पर्यटन और सत्कार उद्योग चार करोड़ नौकरिया पैदा करता है। इस क्षेत्र के साथ अगर छेड़छाड़ नहीं होती तो यह उद्द्योग 2 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में महत्वपूर्ण योगदान देता।
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देश में प्रतिवर्ष 464789 सड़क दुर्घटनाये होती है जिसमे शराब से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या महज ढेड़ प्रतिशत है। इस ढेड़ प्रतिशत को कड़े दंडात्मक प्रावधानों से रोका जा सकता था। सरकार स्वास्थ और शिक्षा पर जो पैसा खर्च करती है उसमे बहुत बड़ा हिस्सा शराब से प्राप्त राजस्व का होता है।इस नुक्सान की भरपाई कैसे होगी , माननीय अदालत को इस पर भी गौर करना चाहिए था।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अंजू बॉबी जॉर्ज और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteसम्भवतः इस निर्णय का लाभ अभी समझ में नहीं आ रहा है
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