' सस्पेंस ' शब्द जेहन में आते ही जो नाम हमारी स्मृति में कौंधता है वह बिलाशक ' अल्फ्रेड हिचकाक ' (
Sir Alfred Joseph Hitchcock ) का होता है । पांच दशक में फैले इस प्रतिभाशाली और प्रभावशाली फ़िल्मकार का कॅरियर सिने जगत को रहस्य रोमांच और मनोवैज्ञानिक भय से रूबरू कराते हुए आज भी अपना आकर्षण बनाये हुए है। सस्पेंस को केंद्र में रखकर हिचकॉक के पहले भी कई फिल्मे बनी परंतु ' चिंता ' भय ' रहस्य ' और बेचारगी को जितनी ऊंचाई पर हिचकॉक लेकर गए उतनी जोखिम किसी ने नहीं उठायी । केमेरे का एंगल , फिल्म की एडिटिंग, चोंकाने वाला एन्डिंग - दुनिया भर के फिल्मकारों ने हिचकॉक के इन नायाब नुस्खों को बखूबी अपनाया। आज भी कई विनम्र डायरेक्टर अपने आप को हिचकॉक स्कूल का स्टूडेंट मानने में गर्व महसूस करते है।
हिचकॉक का फ़िल्मी सफर ब्रिटेनसे लेकर अमेरिका तक फैला हुआ है। इस सब्जी विक्रेता के बेटे ने साइलेंट फिल्मो के दौर से फिल्म मेकिंग की शुरुआत की थी और उस दौरान बनी बीस से अधिक फिल्मे आज भी ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट की बेशकीमती धरोहर मानी जाती है। दौर कोई सा भी रहा हो , हिचकॉक ने अपना पसंदीदा सब्जेक्ट ' हॉरर ' और ' सस्पेंस ' कभी नहीं छोड़ा। यहाँ तक की कि उनकी बनाई कॉमेडी और रोमांटिक फिल्मों में भी सस्पेंस का तड़का जरूर होता था। यही वजह है कि उनके नाम के साथ आज भी The Master of Suspense की उपाधि अवश्य लगाईं जाती है। हिचकॉक ने तकरीबन 60 से अधिक फिल्मो को प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया। उनकी हरेक फिल्म में उनका ' कैमियो अपीयरेंस ' जरूर होता था। यह ऐसी सिग्नेचर स्टाइल थी जिसे आज तक कॉपी किया जा रहा है।
1954 में हिचकॉक ' रियर विंडो ' ( Rear Window ) लेकर आये। यह उनकी दस सर्वक्षेष्ठ फिल्मों में शीर्ष स्थान पाने वाली फिल्म मानी जाती है। इस सस्पेंस मिस्ट्री थ्रिलर का आईडिया उन्हें 1942 में एक जासूसी लघु कथा से मिला था। फिल्म का नायक जेफ(james stewart) एक प्रॉफेश्नल फोटोग्राफर है जो एक दुर्घटना में टांग तुड़वा बैठा है। पैर में प्लास्टर चढ़ा होने से उसकी जिंदगी कुछ दिनों के लिए व्हील चेयर में सिमट गई है। सुन्दर सलोनी लिसा( Grace kelly) उसकी प्रेमिका है जो अक्सर उसके अपार्टमेंट पर आती रहती है।
जेफ़ समय बिताने के लिए अपने अपार्टमेंट के पीछे बने पांच मंजिला अपार्टमेंट ब्लॉक के फ्लैटों में अपने पावरफुल कैमरे से ताक झांक करता है। इसी दौरान उसे समझ में आता है कि सामने वाले फ्लैट कोई बड़ा अपराध हुआ है। सस्पेंस और नाटकीय घटनाओ के बाद लिसा और जेफ उस अपराधी को कानून के शिकंजे में पहुंचा देते है। हिचकॉक ने इस साधारण सी कहानी में तीव्र उत्तेजना पैदा की है। दर्शक की कल्पना से परे पात्रों का डिटेल सारी कहानी समझाता चलता है। सम्पूर्ण फिल्म एक ही अपार्टमेंट में ख़त्म होती है परंतु घटनाओ और दृश्य की तीव्रता दर्शक को बांधे रखती है। हिचकॉक ने पूरी फिल्म पेरामाउंट स्टूडियो में विशाल सेट लगाकर शूट की थी। आज साठ साल बाद भी फिल्म दर्शक को सोंचने का मौका नहीं देती। यह हिचकॉक का मैजिक ही था जिसने फिल्म को कालजयी बना दिया है।
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