देश में एक मुद्दा क्षितिज पर पहुँचता नहीं उसके पहले नया सतह पर आजाता है। ' भारत माता की जय ' कभी विवादों में घसीटा जाएगा , कल्पना नहीं थी। सोशल मीडिया पर मौजूद भीड़ ने पहले तिल का ताड़ बनाया , ताड़ को रबड़ बनाया और इस काम में उनकी मदद की राष्ट्रीय नेताओ ने। यह सब बगैर सोंचे समझे और जाने कि देशभक्ति से कही अधिक इस नारे में भारतीय होने पर गर्व महसूस किया गया है।
गौरतलब है कि 1946 में पंडित नेहरू ने अपनी कालजयी पुस्तक Discovery of India प्रकाशित की थी। भारत के पांच हजार बरस के इतिहास की इससे बेहतर मीमांसा कही और उपलब्ध नहीं है। 1988 में दूरदर्शन की पहल पर संजीदा फिल्मकार श्याम बेनेगल ने इस भव्य पुस्तक पर आधारित धारावाहिक '' भारत एक खोज '' बनाया था। जिन लोगों को इस ग्रंथ को पढ़ने का सौभाग्य मिला है ( हांलाकि यह पुस्तक लगभग सर्वत्र उपलब्ध है , बस निर्भर करता है कि पढ़ने वाले की रूचि व्यापक है या नहीं ) वे जानते है कि विचारों को दृश्यों में बदलना कितना दुरूह काम है। आज तीन दशकों बाद भी यह धारावाहिक अपने विशाल कैनवास , अभिनेताओं के चयन ( रोशन सेठ , ओम पुरी , इला अरुण , पल्लवी जोशी ) दृश्य संयोजन ( वी के मूर्ति ) और संगीत ( वनराज भाटिया ) के लिए याद किया जाता है। इस धारावाहिक के पहले एपिसोड का जिक्र करना यहां इसलिए जरुरी है कि इस एपिसोड में ' भारत माता की जय ' के बारे में विस्तार से बताया गया था। पंडित नेहरू ( रोशन सेठ ) ग्रामीणों को उर्दू मिश्रित हिंदी में समझाते है कि भारत माता सिर्फ धरती , खेत , वन , पर्वत नदिया मात्र नहीं है वरन इस सरजमीं पर मौजूद सम्पूर्ण अवाम है . जब आप भारत माता की जय बोलते है तो तो इसमें शामिल भारत के सभी लोगों की जय बोलते है।
अपने मित्रों की सुविधा के लिए इस धारावाहिक की वीडियो लिंक शेयर कर रहा हु। हो सकता है आपका इतिहास बोध जाग्रत हो जाए और आप समस्त 53 एपिसोड देख डाले।
https://youtu.be/-X5iE-hatiw
?
गौरतलब है कि 1946 में पंडित नेहरू ने अपनी कालजयी पुस्तक Discovery of India प्रकाशित की थी। भारत के पांच हजार बरस के इतिहास की इससे बेहतर मीमांसा कही और उपलब्ध नहीं है। 1988 में दूरदर्शन की पहल पर संजीदा फिल्मकार श्याम बेनेगल ने इस भव्य पुस्तक पर आधारित धारावाहिक '' भारत एक खोज '' बनाया था। जिन लोगों को इस ग्रंथ को पढ़ने का सौभाग्य मिला है ( हांलाकि यह पुस्तक लगभग सर्वत्र उपलब्ध है , बस निर्भर करता है कि पढ़ने वाले की रूचि व्यापक है या नहीं ) वे जानते है कि विचारों को दृश्यों में बदलना कितना दुरूह काम है। आज तीन दशकों बाद भी यह धारावाहिक अपने विशाल कैनवास , अभिनेताओं के चयन ( रोशन सेठ , ओम पुरी , इला अरुण , पल्लवी जोशी ) दृश्य संयोजन ( वी के मूर्ति ) और संगीत ( वनराज भाटिया ) के लिए याद किया जाता है। इस धारावाहिक के पहले एपिसोड का जिक्र करना यहां इसलिए जरुरी है कि इस एपिसोड में ' भारत माता की जय ' के बारे में विस्तार से बताया गया था। पंडित नेहरू ( रोशन सेठ ) ग्रामीणों को उर्दू मिश्रित हिंदी में समझाते है कि भारत माता सिर्फ धरती , खेत , वन , पर्वत नदिया मात्र नहीं है वरन इस सरजमीं पर मौजूद सम्पूर्ण अवाम है . जब आप भारत माता की जय बोलते है तो तो इसमें शामिल भारत के सभी लोगों की जय बोलते है।
अपने मित्रों की सुविधा के लिए इस धारावाहिक की वीडियो लिंक शेयर कर रहा हु। हो सकता है आपका इतिहास बोध जाग्रत हो जाए और आप समस्त 53 एपिसोड देख डाले।
https://youtu.be/-X5iE-hatiw
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आपकी पहल स्तुत्य है । यह सन्देश हर भारतवासी तक पहुचना चाहिए
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