अचानक ही तो घटता है जीवन
और मौत भी
अचानक ही आती है।
इन दोनों के बीच
मै
भ्रम पाले रहता हु ता उम्र
कर्ता होने का ,
जतन करता हु
प्रेम करने का
संतुलन बनाता हु रिश्तों में
और जिन्दा रखता हु सपनो को।
क्योंकि मुझे मालुम है
वह कभी भी घट सकती है
ठीक वैसे ही
जैसे जग जाती है उम्मीद ,
हो जाता है प्रेम
और पसर जाती है खुशिया
अचानक।
और मौत भी
अचानक ही आती है।
इन दोनों के बीच
मै
भ्रम पाले रहता हु ता उम्र
कर्ता होने का ,
जतन करता हु
प्रेम करने का
संतुलन बनाता हु रिश्तों में
और जिन्दा रखता हु सपनो को।
क्योंकि मुझे मालुम है
वह कभी भी घट सकती है
ठीक वैसे ही
जैसे जग जाती है उम्मीद ,
हो जाता है प्रेम
और पसर जाती है खुशिया
अचानक।
Good one sir
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