Tuesday, November 18, 2014

women terrorist

दुनिया भर के आतंकवादी संगठनो को पीछे छोड़ते हुए चर्चा में बने आई एस आई एस  ने सीरिया , लेबनान , और इराक में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए सोशल मीडिया का भी दोहन करते हुए उसे अपना अचूक हथियार बना लिया है। इस संगठन ने अब महिलाओ को अपने साथ लाने के लिए अभियान चलाया है। पिछले दिनों कुछ प्रमुख अमरीकी अखबारों ने इस अभियान का भंडाफोड़ करते हुए विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है।  न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस संगठन के फेसबुक पोस्ट के फोटो प्रकाशित किये  है जिसमे लुभावनी अंग्रेजी में पूरी दुनिया की महिलाओ को आमंत्रित किया गया है।  पोस्ट के अनुसार महिलाऐ दल के लिए भोजन बनाने , घर की देखभाल करने , और नन्हे बच्चों को पढ़ाने जैसे काम करते हुए ' जिहाद ' में हिस्सा ल सकती है। उन्हें राइफल लेकर मोर्चे पर जाने की आवश्यकता नहीं है।
            इस बात की पुष्टि नहीं  है कि इस संगठन की अपील का अब तक कितना असर हुआ है। इस पोस्ट को अब तक 300 से ज्यादा लाइक मिल चुके है।
              अतिवादियों द्वारा महिलाओ का  उपयोग लगभग हर काल में किया गया है। नब्बे के  दशक में तमिल समर्थित संगठन ' लिट्टे ' ने मानव बम के रूप में महिलाओ का डटकर उपयोग किया।  पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक महिला बम के ही शिकार हुए थे। अस्सी के दशक में सिख आतंकवादियों द्वारा महिलाओ का उपयोग आई एस आई एस की तर्ज  किया गया था। संतोष की बात है की उक्त दोनों ही संगठन  ख़त्म हो चुके है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर किये गए  शोध के मुताबिक़ चरमपंथी दल की संख्या की  पच्चीस प्रतिशत सदस्य महिलाऐ होती रही है।
विगत वर्षों में अमेरिकी और भारतीय टेलीविज़न पर मील का पत्थर साबित हुए धारावाहिक 24 में महिला आतंकवादियों पर विस्तार से चित्रण किया गया था। हाल ही में सास बहु पैटर्न पर चलने वाले धारवाहिक  ' दिया और बाती ' ने कहानी में ट्विस्ट देते हुए एक विमान  अपहरण का दृश्य रख दिया जिसे सिर्फ तीन युवतियां हाईजैक करने का प्रयास करती है। मीडिया समाज से एक कदम आगे चलने की कोशिश कर रहा है। उसके दृश्य आम दर्शक के अवचेतन में कितने गहरे उत्तर रहे है और आतंकवाद के दर को किस कदर बोथरा कर रहे है , इसका आकलन कोई नहीं कर रहा।





**इमेज सौजन्य गूगल  

No comments:

Post a Comment

दिस इस नॉट अ पोलिटिकल पोस्ट

शेयर बाजार की उथल पुथल में सबसे ज्यादा नुकसान अपने  मुकेश सेठ को हुआ है। अरबपतियों की फेहरिस्त में अब वे इक्कीसवे नंबर पर चले गए है। यद्ध...