हमारे देश में इतने
महापुरषों ने जन्म लिया है कि प्रेरणा लेने के लिए बाहर झाँकने की भी आवश्यकता
नहीं है .पिछले ढाई हजार सालों के इतिहास में इतने मेघावी और उर्जावान लोग हुए है
कि हम उनके नाम भी अपने जीवन काल में पुरे नहीं
पढ़ पायेंगे . आत्मकथाओ के पढने की बात आती है तो औसतन दो तीन प्रतिशत पढ़े
लिखे मिलेंगे जिन्होंने अपने स्कूल के बाद आत्मकथाए पढने का ‘ साहस ‘ दिखाया होगा
. इधर कुछ वर्षों से कुछ साहसी फिल्मकारों ने ‘ बायोपिक ‘ फिल्मे बनाने का जोखिम
उठाया है .
ये लोग बहुत हद तक सफल भी रहे है . हिंदी फिल्मों के इतिहास को टटोला
जाए तो दादा साहेब फाल्के का नाम भी आता है , जिन्होंने अपनी दो दर्जन फिल्मों में
से कुछ कहानिया वास्तविक लोगों के जीवन से
उठा कर प्रस्तुत की थी . हाल के वर्षों में ‘ भाग मिल्खा भाग ‘ पान सिंह तोमर ‘ और
मेरिकोम ‘ जेसी फिल्मे थोडा कमर्शियल तड़का लगाने के बाद बेहतरीन और यादगार बायोपिक
के रूप में आकर सफल और सराही गई है .
विगत दिनों देश के
राष्ट्रीय अखबारों में एक नयी बायोपिक फिल्म की घोषणा जोर शोर से की गई . फुल पेज
के रंगीन विज्ञापन बता रहे थे कि अगली
बायोपिक क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ( एम् एस धोनी ) पर होगी . इस बात पर किसी को
आपति नहीं होगी और न ही होना चाहिए. कोई किसी पर भी बायोपिक फिल्म बना सकता है , फिर वे सनी लीओन ही क्यों
न हो? अंध क्रिकेट प्रेमियों की बात छोड़ दी जाए तो शायद किसी को भी इस बात में
दिलचस्पी नहीं होगी .क्रिकेट सट्टे बाजी
में उनका नाम आने के बाद उनकी साख पर काफी बट्टा लगा है . यह बात जरुर है कि उनकी
कई पारियां शानदार रही है .
उनके किसी रोमांचक मैच को लेकर उत्तेजना से भरी कोई फिल्म अवश्य बनाई जासकती है . अभी धोनी का
करियर ख़त्म नहीं हुआ है . इस लिहाज से बायोपिक की बात करना बहुत जल्दबाजी वाला
निर्णय होगा . ठीक वैसे ही जैसे इन दिनों मोदी मुग्ध लोग और मीडिया मोदी की
अमेरिका यात्रा को लेकर गुलजार हुए जा रहे है . मीडिया इस यात्रा को अन्तराष्ट्रीय
घटना बताने पर तुला हुआ है लेकिन बी बी सी का मानना है कि इस यात्रा की तकनिकी रूप से जरुरत नहीं थी . अलीगढ
विश्वविद्यालय में पदस्थ मेरे मित्र शाहिद खान ने मोदी की अमेरिकी यात्रा पर बारीक
नजर रखते हुए अमेरिका के दस बड़े अखबारों को ट्रेक किया है. खान साहब का विश्लेषण
है कि इनमे मोदी को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है .इससे ज्याद हल्ला तो बारबडोस के
मेयर के आने पर हो जाता है.
बहरहाल, देश हॉकी के जादूगर ध्यान चंद पर मनमोहन शेट्टी
द्वारा घोषित फिल्म की प्रतीक्षा कर रहा है . बताया जा रहा है कि यह अभी पटकथा
लेखन के स्तर पर है .
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