मुझे जासूसी उपन्यास और टीवी सीरियल काफी पसंद है। जिस जमाने में बच्चे चन्दामामा , पराग और लोटपोट पढ़ रहे थे -मेने कर्नल रंजीत , और ओम प्रकाश शर्मा का लिखा सब कुछ पढ़ लिया था। फिर इसी लत का मेरा अगला पड़ाव जेम्स हेडली चेस था। वह भी हो गया तो सुरेन्द्र मोहन पाठक के सुनील सीरीज के लगभग सारे उपन्यास में आत्मसात कर चूका था। इन लोगों का लिखा पढ़ने के दौरान टीवी का विस्तार हो रहा था और व्यस्तता के चलते पढ़ना थोड़ा काम हुआ ,परन्तु जासूसी कहानियों की वह प्यास बनी हुई थी लिहाजा इंटरनेट का सहारा लिया और चुन चुन कर अमेरिकी डिटेक्टिव सीरियल देख डाले। '' monk '' 'criminal mind ', castle के सभी एपिसोड मेरे संग्रह में है। यहां अगर मेने शरलॉक होम्स का जिक्र नहीं किया तो मेरी यात्रा अधूरी रहेगी . इस दौरान सत्रह वर्षों से चल रहा CID भारतीय टेलेविज़न का इकलौता जासूसी ( ?) धारावाहिक कई बार देखने में आया। जो समंदर में देख चूका था उसके मुकाबले यह एक तलैया साबित हुआ है। इसे देखने के दौरान मेने कुछ मजेदार fact नोट किये है। आपने भी गौर किया होगा कि इसे कितनी लापरवाही एवं कंजूसी से produce किया जा रहा है। कुछ बानगी पेश है।
1 CID के ऑफिस में सभी लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं है।
2 लगभग सभी एजेंट एक साथ बाहर निकलते है और एक साथ ही वापस लौटते है।
3 चपरासी या चाय पिलाने वाला कभी नजर नहीं आता।
4 कोई भी एजेंट कभी कुछ भी खाते पीते नजर नहीं आता है।
5 एजेंट जिस जेब से गन निकालते है उसी जेब से थोड़ी देर बाद सफ़ेद दस्ताने निकाल लेते है।
6 कोई भी जानकारी या सुचना कागज़ पर नोट नहीं की जाती है।
7 फॉरेंसिक लेब में डेड बॉडी किस दरवाजे से लाइ लेजाई जाती है और उसे स्ट्रेचर पर लाने ले जाने वाले कभी नजर नहीं आते।
8 सालुंके साहब हमेशा थ्री पीस सूट में काम करते है।
9 ACP कभी अपने सीनियर से बात नहीं करते।
10 सबुत ढूंढते वक्त सिर्फ एक एजेंट को सबूत मिलता है और सारे एजेंट उसके आसपास भीड़ लगा देते है। यह सबूत कभी अदालत में पेश नहीं किया जाता।
11 कभी कोई केस अदालत नहीं पहुचता।
12 CID कभी पुलिस की मदद नहीं लेती।
13 सारी दुनिया CID से खौफ खाती है। जैसे ही कोई एजेंट अपना परिचय देता है सामने वाले का खून सूख जाता है।
14 महिला एजेंट हमेशा टाइट जीन्स पहनती है। इस जीन्स की जेब से वे गन , दस्ताने , मोबाइल , खट से निकाल लेती है .
15 ACP अपने हाथ को कंधे तक उठाकर हवा में अपनी उँगलियों से दो बार शुन्य बनाते हुए एक डायलॉग अवश्य बोलते है '' कुछ तो गड़बड़ है ''
16 CID हमेशा मर्डर के केस ही सुलझाता है।
17 कभी किसी पुलिस वाले को आज तक CID ने अपने पास नहीं फटकने दिया है .
18 पुरे डिपार्टमेंट के पास सिर्फ एक कार है।
19 खाली घर में घुसने के बाद सभी एजेंट अपनी गन निकाल लेते है - दर्शक समझ जाता है कि इन्हे यहां कुछ नहीं मिलने वाला है।
20 सबुत के लिए कभी फिंगर प्रिंट नहीं उठाये जाते न ही मौका ए वारदात के फोटो लिए जाते है।
21 दया ने जितने दरवाजे आज तक तोड़े है वह एक विश्व रिकॉर्ड है .
अगर आप को लगता है कि कुछ तथ्य छूट गए है तो अवश्य ही लिख भेजिए . वे तथ्य आपके नाम के साथ इस ब्लॉग में शामिल कर लिए जाएंगे .
1 CID के ऑफिस में सभी लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं है।
2 लगभग सभी एजेंट एक साथ बाहर निकलते है और एक साथ ही वापस लौटते है।
3 चपरासी या चाय पिलाने वाला कभी नजर नहीं आता।
4 कोई भी एजेंट कभी कुछ भी खाते पीते नजर नहीं आता है।
5 एजेंट जिस जेब से गन निकालते है उसी जेब से थोड़ी देर बाद सफ़ेद दस्ताने निकाल लेते है।
6 कोई भी जानकारी या सुचना कागज़ पर नोट नहीं की जाती है।
7 फॉरेंसिक लेब में डेड बॉडी किस दरवाजे से लाइ लेजाई जाती है और उसे स्ट्रेचर पर लाने ले जाने वाले कभी नजर नहीं आते।
8 सालुंके साहब हमेशा थ्री पीस सूट में काम करते है।
9 ACP कभी अपने सीनियर से बात नहीं करते।
10 सबुत ढूंढते वक्त सिर्फ एक एजेंट को सबूत मिलता है और सारे एजेंट उसके आसपास भीड़ लगा देते है। यह सबूत कभी अदालत में पेश नहीं किया जाता।
11 कभी कोई केस अदालत नहीं पहुचता।
12 CID कभी पुलिस की मदद नहीं लेती।
13 सारी दुनिया CID से खौफ खाती है। जैसे ही कोई एजेंट अपना परिचय देता है सामने वाले का खून सूख जाता है।
14 महिला एजेंट हमेशा टाइट जीन्स पहनती है। इस जीन्स की जेब से वे गन , दस्ताने , मोबाइल , खट से निकाल लेती है .
15 ACP अपने हाथ को कंधे तक उठाकर हवा में अपनी उँगलियों से दो बार शुन्य बनाते हुए एक डायलॉग अवश्य बोलते है '' कुछ तो गड़बड़ है ''
16 CID हमेशा मर्डर के केस ही सुलझाता है।
17 कभी किसी पुलिस वाले को आज तक CID ने अपने पास नहीं फटकने दिया है .
18 पुरे डिपार्टमेंट के पास सिर्फ एक कार है।
19 खाली घर में घुसने के बाद सभी एजेंट अपनी गन निकाल लेते है - दर्शक समझ जाता है कि इन्हे यहां कुछ नहीं मिलने वाला है।
20 सबुत के लिए कभी फिंगर प्रिंट नहीं उठाये जाते न ही मौका ए वारदात के फोटो लिए जाते है।
21 दया ने जितने दरवाजे आज तक तोड़े है वह एक विश्व रिकॉर्ड है .
अगर आप को लगता है कि कुछ तथ्य छूट गए है तो अवश्य ही लिख भेजिए . वे तथ्य आपके नाम के साथ इस ब्लॉग में शामिल कर लिए जाएंगे .
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