मोदीमय ख़बरों के बीच एक छोटी सी उत्साह जनक खबर आकर गुजर गयी। आमिर खान के संचालन में प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचे। '' सत्य मेव जयते '' के अधिकार चीन के एक फिल्म निर्माता ने ख़रीदे है। यह पहली बार हुआ है कि किसी किसी भारतीय टेलीविज़न कार्यक्रम ने सरहद पार भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इस रियलिटी शो के निर्माता स्टार टीवी इंडिया व फॉक्स टीवी के मालिक जेम्स मर्डोक ने करार को असाधारण घटना बताया है। जेम्स मीडिआ मुग़ल रूपर्ट मर्डोक के पुत्र है।
अभी तक भारत में जितने भी रियलिटी शो लोकप्रिय हुए है उनकी मूल अवधारणा एवं अधिकार सात समुन्दर पार से ही आये थे। कौन बनेगा करोड़पति , दस का दम , बिग बॉस ,क्या आप पांचवी पास से तेज है , बिंगो , सच का सामना , नच बलिए , इंडिया गोट टैलेंट ,आदि इत्यादि।
तात्कालिक परिस्थितियों में चीन भारत की तुलना में अधिक आर्थिक सम्पन्न व ताकतवर है। परन्तु दोनों देश का युवा और मध्यम वर्ग एक जैसी समस्याओं से दो चार हो रहा है। भ्रष्टाचार और समाज में बढ़ती खाई वहां भी उतनी ही चिंता का विषय है जितनी यहां।अगर चीन ' सत्य मेव जयते ' से कुछ उम्मीद पाल रहा है तो यह हमारे लिए फक्र की बात है। यूँ तो चीन सरकार ने इंटरनेट को अपने जूतों तले दबाया हुआ है और अभिव्यक्ति की आजादी वहां दूर की कोड़ी है। परन्तु वैचारिक व सांस्कृतिक आदान प्रदान रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाता है तो यह बड़ी बात होगी।
इन दिनों देश के कुछ महानगरों में पाकिस्तानी टीवी धारावाहिक चाव से देखे जा रहे है। ये धारवाहिक अपनी मौलिकता और अनूठे कथानक के कारण बड़े वर्ग द्वारा सराहे जा रहे है। यह बात दीगर है कि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को अपने पैरों पर खड़ा न होने देने में भारतीय फिल्मों का बड़ा योगदान है।
गौर करने लायक बिंदु यह है कि कहानियाँ और विचार कभी सरहदों के मोहताज नहीं रहे है। पूर्वाग्रह से ग्रस्त राजनेताओ के बनिस्बद् साहित्य और फिल्मे वैश्विकरण की अवधारणा( concept of globalization)को सफल बनाने में बेहतर काम कर सकते है।
अभी तक भारत में जितने भी रियलिटी शो लोकप्रिय हुए है उनकी मूल अवधारणा एवं अधिकार सात समुन्दर पार से ही आये थे। कौन बनेगा करोड़पति , दस का दम , बिग बॉस ,क्या आप पांचवी पास से तेज है , बिंगो , सच का सामना , नच बलिए , इंडिया गोट टैलेंट ,आदि इत्यादि।
तात्कालिक परिस्थितियों में चीन भारत की तुलना में अधिक आर्थिक सम्पन्न व ताकतवर है। परन्तु दोनों देश का युवा और मध्यम वर्ग एक जैसी समस्याओं से दो चार हो रहा है। भ्रष्टाचार और समाज में बढ़ती खाई वहां भी उतनी ही चिंता का विषय है जितनी यहां।अगर चीन ' सत्य मेव जयते ' से कुछ उम्मीद पाल रहा है तो यह हमारे लिए फक्र की बात है। यूँ तो चीन सरकार ने इंटरनेट को अपने जूतों तले दबाया हुआ है और अभिव्यक्ति की आजादी वहां दूर की कोड़ी है। परन्तु वैचारिक व सांस्कृतिक आदान प्रदान रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाता है तो यह बड़ी बात होगी।
इन दिनों देश के कुछ महानगरों में पाकिस्तानी टीवी धारावाहिक चाव से देखे जा रहे है। ये धारवाहिक अपनी मौलिकता और अनूठे कथानक के कारण बड़े वर्ग द्वारा सराहे जा रहे है। यह बात दीगर है कि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को अपने पैरों पर खड़ा न होने देने में भारतीय फिल्मों का बड़ा योगदान है।
गौर करने लायक बिंदु यह है कि कहानियाँ और विचार कभी सरहदों के मोहताज नहीं रहे है। पूर्वाग्रह से ग्रस्त राजनेताओ के बनिस्बद् साहित्य और फिल्मे वैश्विकरण की अवधारणा( concept of globalization)को सफल बनाने में बेहतर काम कर सकते है।
अच्छी खबर दी आपने
ReplyDeleteपूर्वाग्रह से ग्रस्त राजनेताओ के बनिस्बद् साहित्य और फिल्मे वैश्विकरण की अवधारणा को सफल बनाने में बेहतर काम कर सकते है.… बिलकुल सही बात
ReplyDelete.... यह तो बहुत बढ़िया शुभ संकेत है देश के लिए ...
बहुत ही बढ़िया और सार्थक लेख.
ReplyDeletebest english poen
ReplyDelete