सलमान खान आलिया भट्ट के साथ फिल्म ' इंशाअल्लाह ' करने वाले है। एक बारगी को यह खबर पढ़कर कोई भी आगे बढ़ जाएगा। पहली नजर में इस तरह की सूचनाओं को इन सितारों के प्रशंसक भी संजीदगी से नहीं लेते क्योंकि हमारे देश में औसतन चार फिल्मे एक दिन में अनाउंस होती है। कितनी दर्शकों तक पहुँचती यह बाद में पता चलता है। हम वापस सलमान आलिया पर आते है। इस खबर में गौर करने लायक बात है उम्र । सलमान पचपन के है और आलिया पच्चीस की ! सिने जगत के अधिकांश सितारे अपने से आधी उम्र की नायिकाओ के साथ काम कर रहे है। ऐसा नहीं है कि यह चलन अभी शुरू हुआ है। हैरत की बात है कि यह परंपरा सिनेमाई इतिहास के साथ ही आरम्भ हो गई थी। हमारे अधिकांश उम्रदराज अभिनेता अपनी अधेड़ अवस्था तक नायक बनकर आते रहे है परन्तु उनके साथ नायिका बनकर आई अधिकांश अभिनेत्रियां या तो चालीस की उम्र आते आते विवाहित हो गई या फिर फिल्मों से ही रिटायर हो गई। इंडस्ट्री में ऐसे उदाहरणों की भरमार है जब प्रतिभावान अभिनेत्रियों को पेंतीस की उम्र तक पहुँचते ही विनम्रता पूर्वक कह दिया गया कि वे नायिका बनने की हद पार कर चुकी है , वे चाहे तो चरित्र किरदार निभा सकती है !
सत्तर के दशक में दुनिया भर में हिप्पियों की जीवनशैली के दुष्परिणामों की चर्चा आम थी। इस विषय देवआनंद ने फिल्म बनाई ' हरे रामा हरे कृष्णा(1971) इस समय उनकी उम्र थी अड़तालीस बरस और नवोदित ' जीनत अमान ' उन्नीस वर्ष की थी। जीनत की ही तरह टीना मुनीम भी इस लिहाज से भाग्यशाली थी कि उन्हें अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत करने का मौका सदाबहार हैंडसम देव आनंद के साथ मिला था। फिल्म थी ' ' देस परदेस (1978) उस समय देव साहब पचपन पार कर रहे थे और टीना इक्कीसवे बरस में कदम रख रही थी। महानायक अमिताभ जिस समय अपने करियर की ढलान पर तेजी से लुढ़क रहे थे उस समय उनकी उम्र सत्तावन साल हो चुकी थी परन्तु उसी साल 'लाल बादशाह (1999) में वे उन्तीस वर्षीया मनीषा कोइराला के साथ प्रणय निवेदन करते नजर आ रहे थे !
ऐसा भी नहीं है कि ' आधी उम्र ' की नायिका का रिवाज सिर्फ भारत में ही है। इस लेवल पर हॉलीवुड भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। क्लासिक बन चुकी ' कासाब्लांका (1942) के नायक हम्फ्री बोगार्ट अड़तालीस बरस के थे और सौंदर्य की देवी कही गई नायिका इंग्रिड बर्गमन इक्कीस वर्ष की थी। वुडी एलन की रोमांटिक कॉमेडी ' मैजिक इन मूनलाइट ' के नायक कोलिनफर्ट और नायिका एमा स्टोन की उम्र में सत्ताईस साल का अंतर था। क्लिंट ईस्ट वुड , शॉन कॉनरी , रिचर्ड गैर , हरिसन फोर्ड , जैसे दर्जनों स्टार आज भी अपने से आधी उम्र से भी कम उम्र की नायिकाओ के साथ नजर आ रहे है।
चूँकि इस विषय पर दर्शकों की राय भिन्न रही है परन्तु ' साइकोलॉजी टुडे ' एक तरह से समाज को आइना दिखा देता है। इस प्रतिष्ठित पत्रिका के अनुसार फिल्म इंडस्ट्री ( ये हॉलीवुड / बॉलीवुड दोनों ही माने जा सकते है ) समाज के मानदंडों को ही परावर्तित ( रिफ्लेक्ट ) करती है। हर काल में महिलाओ की सुंदरता पर विशेष जोर दिया जाता रहा है , फिर चाहे वे किसी भी क्षेत्र में काम करती हो।उनके युवा होने को विशेष महत्व दिया जाता रहा है। सामाजिक रूप से अधिक आयु के पुरुषों को जिम्मेदार और भरोसेमंद माना जाता है। इस अवधारणा ने इस बात को भी न्यायोचित ठहरा दिया कि अधिक उम्र के पुरुष रिश्तों को लेकर गंभीर होते है।मलेनिआ ट्रम्प अपने पति डोनाल्ड ट्रम्प से चोवीस वर्ष छोटी है वही मीडिया सम्राट मर्डोक अपनी पत्नी वेंडी वोंग से सेतीस वर्ष बड़े है ! हमारे दिलीप कुमार और उनकी पत्नी सायरा बानो में बावीस बरस का फासला है। रौबदाब व्यक्तित्व के मालिक अभिनेता कबीर बेदी की तृतीय पत्नी उनसे उन्तीस बरस छोटी है वही एक दौर के तिरेपन वर्षीय चर्चित मोडल मिलिंद सोमन की दूसरी पत्नी महज सत्ताईस बरस की है।
फिल्मो में इस तरह की शुरुआत जो एक बार शुरू हुई तो आज तक जारी है। इस भेदभाव पर समय समय पर उँगलियाँ भी उठती रही है। हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों ने अपने संकीर्ण सोंच के चलते कई सशक्त और प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों को इतिहास के घूरे पर पटक दिया है।
हॉलीवुड जहाँ आज भी साठ पार की अभिनेत्रियों मेरिल स्ट्रिप , हेलन मीरन , कैथरीन जीटा जोंस , पचास पार की हेलन हंट , जोड़ी फोस्टर , मेग रायन के लिए उनकी उम्र के अनुसार फिल्मे बना रहा है वैसा विशेषाधिकार हेमा , रेखा, माधुरी या मरहूम श्रीदेवी तब्बू ,सोनाली बेंद्रे , रवीना टंडन , प्रिटी जिंटा को नहीं के बराबर मिला है। स्वीडन का एक शोध कहता है कि दंपतियों में चार से छह वर्ष का अंतर सफल वैवाहिक जीवन में ज्यादा मायने रखता है। पता नहीं वास्तविक जीवन और फिल्मो में इस बात को कब महसूस किया जाएगा !