कहानियों का अकाल कायम है। देश के एक हिस्से में पानी की कमी के चलते किसान अब भी आत्म हत्या कर रहे है। सभी सरकारे किसानों की बात करते नहीं थकती परन्तु जाहिर तौर पर वे क्या करती है नजर नहीं आता। ढूंढने वालों को हर शख्स में एक कहानी मिल सकती है परन्तु सृजन के प्रसव से कोई गुजरना नहीं चाहता। सफल दक्षिण भारतीय फिल्मो के अधिकार प्रीमियम पर बिक रहे है परन्तु हिंदी सिनेमा मौलिकता की कमी से जूझ रहा है। स्टार टीवी पर इन दिनों लोग धारावाहिक '' सुमित संभाल लेगा '' के प्रति आकृष्ट होने लगे है। परन्तु यह भी आयातित है। वार्नर ब्रदर्स ने 2005 में अमेरिकी टेलीविजन पर एक पारिवारिक ड्रामा प्रस्तुत किया Everybody loves Raymond . इंटरनेट पर टटोल लीजिये '' सुमित संभाल लेगा '' का कथानक समझ में आ जायगा। हमारी खिड़कियाँ पश्चिम की और कब तक खुली रहेगी ? किसी के पास इसका जवाब नहीं है।
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दिस इस नॉट अ पोलिटिकल पोस्ट
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