उनके पास पैसा नहीं था। वे सिर्फ एक डॉक्टर थे। फिल्मे उन्हें आकर्षित करती थी। अचानक नियति ने उन्हें एक शौकिया लेखक से मिलाया। दोनों ने मिलकर छोटी छोटी फिल्मे बनाकर प्रदर्शित करना आरम्भ किया। फिल्म समारोहों में उनकी फिल्मे पुरूस्कार जीतने लगी। चूँकि वे डॉक्टर थे और कार दुर्घटनाओ में घायल लोगों का इलाज करते थे लिहाजा उन्हें अपनी पहली फीचर फिल्म की कहानी का प्लाट भी अस्पताल से ही मिला।
में बात कर रहा हूँ जॉर्ज मिलर की। 1971 से लेकर 1978 तक उन्होंने एक कहानी पर काम किया। इस आठ साल का नतीजा रही '' मैड मेक्स ''. मैड मैक्स कई मायनो में पहली फिल्म बनी। यह ऑस्ट्रेलिया की पहली फिल्म थी जिसने सबसे ज्यादा व्यवसाय किया था । पहली बार किसी फिल्म को एनामोर्फिक वाइड स्क्रीन पर साधारण 35 एम एम केमेरे से शूट किया गया था। इस तकनीक में कैमरा आउट ऑफ़ फोकस हो चुके बिखरे दृश्यों को पुनः संयोजित कर लेता है। सिनेमा स्कोप में भी कुछ इसी तरह का उपयोग होता है। कम बजट में अधिक मुनाफा कमाने के लिए इसे ' गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में बीस सालों तक पहले स्थान पर रहने के लिए याद किया जाता है। यही नहीं , ऑस्ट्रेलियाई फिल्मों के लिए अन्तराष्ट्रीय बाजार के दरवाजे खोलने का श्रेय भी' मैड मेक्स' के ही नाम पर है। फिल्म के नायक 'मेल गिब्सन ' का हॉलीवुड से परिचय भी इसी फिल्म ने कराया था।
फिल्म की कहानी ऐसे भविष्य का चित्रण करती है जहां दुनिया में तेल के भण्डार समाप्त होने की स्थिति में है। इस वजह से फैली अराजकता को रोकने के लिए मेन फ़ोर्स पेट्रोल के दस्ते सड़कों और शहरों में गश्त कर रहे है। मोटर साइकिल सवारों की एक गैंग ने पुरे क्षेत्र में अपना आतंक बरपा रखा है। ऑफिसर मेक्स ने अपने सहयोगी गुस के साथ इस गैंग के सदस्य जॉनी को गिरफ्तार किया है जिस पर बलात्कार का आरोप है। परन्तु गुंडों के आतंक के चलते जॉनी के खिलाफ कोई गवाह सामने नहीं आता है। मैक्स की इस हरकत से खुन्नस खाकर गैंग का लीडर बुबा मेक्स की पत्नि और बच्चे की हत्या कर देता है। यही से आरम्भ होता है मेक्स का प्रतिशोध। अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देकर मेक्स निकल पड़ता है इन अपराधियों को ठिकाने लगाने।
ऑस्ट्रेलिया के मीलों लम्बे सुनसान राजमार्ग और रफ़्तार से भागती कार के द्रश्य इस फिल्म की खूबसुरती है. अन्तराष्ट्रीय दर्शकों को ध्यान में रखकर इस फिल्म को अमेरिकन इंग्लिश में डब किया गया था। इसकी सफलता के बाद इसी श्रंखला की दो और फिल्मे (1981 ) व (1985 ) प्रदर्शित की गई थी।
महज चार लाख डॉलर में बनी इस फिल्म ने 216 लाख डॉलर का व्यवसाय किया था।अगर अभी तक यह फिल्म आप से बची रही है तो इसे अवश्य ही देखा जाना चाहिए।
फिल्म की कहानी ऐसे भविष्य का चित्रण करती है जहां दुनिया में तेल के भण्डार समाप्त होने की स्थिति में है। इस वजह से फैली अराजकता को रोकने के लिए मेन फ़ोर्स पेट्रोल के दस्ते सड़कों और शहरों में गश्त कर रहे है। मोटर साइकिल सवारों की एक गैंग ने पुरे क्षेत्र में अपना आतंक बरपा रखा है। ऑफिसर मेक्स ने अपने सहयोगी गुस के साथ इस गैंग के सदस्य जॉनी को गिरफ्तार किया है जिस पर बलात्कार का आरोप है। परन्तु गुंडों के आतंक के चलते जॉनी के खिलाफ कोई गवाह सामने नहीं आता है। मैक्स की इस हरकत से खुन्नस खाकर गैंग का लीडर बुबा मेक्स की पत्नि और बच्चे की हत्या कर देता है। यही से आरम्भ होता है मेक्स का प्रतिशोध। अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देकर मेक्स निकल पड़ता है इन अपराधियों को ठिकाने लगाने।
ऑस्ट्रेलिया के मीलों लम्बे सुनसान राजमार्ग और रफ़्तार से भागती कार के द्रश्य इस फिल्म की खूबसुरती है. अन्तराष्ट्रीय दर्शकों को ध्यान में रखकर इस फिल्म को अमेरिकन इंग्लिश में डब किया गया था। इसकी सफलता के बाद इसी श्रंखला की दो और फिल्मे (1981 ) व (1985 ) प्रदर्शित की गई थी।
महज चार लाख डॉलर में बनी इस फिल्म ने 216 लाख डॉलर का व्यवसाय किया था।अगर अभी तक यह फिल्म आप से बची रही है तो इसे अवश्य ही देखा जाना चाहिए।
nice informative post .thanks .
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