सिमी गरेवाल फिलहाल किसी प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन नहीं करती है .उम्र को पीछे धकेलने वाले कास्मेटिक के लिए वे बेहतरीन चुनाव हो सकती है . उम्र के जिस मुकाम पर आज वह खड़ी है वह आम तौर पर जीवन की शाम का वक्त कहा जासकता है . जीवन के साठ बसंत देख चुकी सिमी अपने नए टाक शो ''india's most desirable'' से पुनह टेलीविजन पर अवतरित हुई है . अफ़सोस की बात है उनका ताजा शो दर्शकों की अपेक्षा पर इस बार खरा नहीं उतरा है . परन्तु वे आज भी उतनी ही त्ताजगी से भरी है जितनी दस वर्ष पूर्व' rendezvous with simi garewal ' के प्रसारण के वक्त थी .समय की खासियत है कि वह हरेक जीवित प्राणी पर अपने निशाँ छोड़ता जाता है . सौभाग्य से सिमी गरेवाल समय के पंजो से खुद को बचाए हुए है . 'कालातीत ' शब्द शायद ऐसी ही शख्सियतों के लिए बना है .
एक और महिला का जिक्र करना यहाँ जरुरी है . ये है दिवंगत अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की बेटी पेटी डेविस . सिमी गरेवाल की ही तरह इनपर भी गुजिश्ता वक्त का असर नहीं पड़ा है . इन्होने अपनी बात कहने के लिए किताबों का सहारा लिया है . व्यक्तिव विकास पर इनकी लिखी अब तक आठ किताबें प्रकाशित हो चुकी है . सन 1994 में इन्होने'' प्ले बॉय '' पत्रिका में अपने निर्वस्त्र फोटो छपवा कर सनसनी फेला दी थी . सनसनी की वजह सिर्फ यह नहीं थी कि वे अमरीकी राष्ट्रपति कि बिटिया की तस्वीरे है , बल्कि वजह यह थी कि उस समय पेटी डेविस कि उम्र बन्यालिस वर्ष थी . जो की 'प्लेबॉय' की मोडलों की निर्धारित उम्र से दुगनी थी . पेटी का सन्देश था कि बदती उम्र में भी शरीर
को संतुलित रखा जासकता है . जून माह में पेटी ने पुनह धमाका करते हुए अपनी अनाव्रत तस्वीरे इस बार ''मोर मैगज़ीन '' में एक लेख के साथ छपवाई है . इस समय पेटी कि उम्र साठ के करीब है . हांलाकि वे अपनी पुरानी बात पर कायम है परन्तु आज उनका मानना है कि दुनिया में ऐसी कोई कसरत नहीं है जो शरीर में मोजूद जेविक घडी को रोक सके . उनका मानना है कि प्लेबॉय में छपे फोटो और सत्रह साल के अंतराल से मोर मैगज़ीन में छपे फोटो में सिर्फ इतना अंतर आया है कि उनकी कुहनियों कि त्वचा पर उम्र ने असर किया है .
सुन्दरता के लिए लकदक गहनों और मेकअप कि परतों कि जरुरत नहीं होती . कम से कम सिमी , और पेटी को देखकर तो यही महसूस होता है .
एक और महिला का जिक्र करना यहाँ जरुरी है . ये है दिवंगत अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की बेटी पेटी डेविस . सिमी गरेवाल की ही तरह इनपर भी गुजिश्ता वक्त का असर नहीं पड़ा है . इन्होने अपनी बात कहने के लिए किताबों का सहारा लिया है . व्यक्तिव विकास पर इनकी लिखी अब तक आठ किताबें प्रकाशित हो चुकी है . सन 1994 में इन्होने'' प्ले बॉय '' पत्रिका में अपने निर्वस्त्र फोटो छपवा कर सनसनी फेला दी थी . सनसनी की वजह सिर्फ यह नहीं थी कि वे अमरीकी राष्ट्रपति कि बिटिया की तस्वीरे है , बल्कि वजह यह थी कि उस समय पेटी डेविस कि उम्र बन्यालिस वर्ष थी . जो की 'प्लेबॉय' की मोडलों की निर्धारित उम्र से दुगनी थी . पेटी का सन्देश था कि बदती उम्र में भी शरीर
को संतुलित रखा जासकता है . जून माह में पेटी ने पुनह धमाका करते हुए अपनी अनाव्रत तस्वीरे इस बार ''मोर मैगज़ीन '' में एक लेख के साथ छपवाई है . इस समय पेटी कि उम्र साठ के करीब है . हांलाकि वे अपनी पुरानी बात पर कायम है परन्तु आज उनका मानना है कि दुनिया में ऐसी कोई कसरत नहीं है जो शरीर में मोजूद जेविक घडी को रोक सके . उनका मानना है कि प्लेबॉय में छपे फोटो और सत्रह साल के अंतराल से मोर मैगज़ीन में छपे फोटो में सिर्फ इतना अंतर आया है कि उनकी कुहनियों कि त्वचा पर उम्र ने असर किया है .
सुन्दरता के लिए लकदक गहनों और मेकअप कि परतों कि जरुरत नहीं होती . कम से कम सिमी , और पेटी को देखकर तो यही महसूस होता है .
बहुत मेहनत और कई सारे परहेजों के जरिए ऐसा संभव है. आपने अच्छा लिखा. पढ़कर अच्छा लगा.
ReplyDeleteदुनाली पर देखें
बाप की अदालत में सचिन तेंदुलकर
good one rajnishji
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