विध्वंस अपने आप में डरावना शब्द है। वास्तविक जिंदगी में जिन लोगों ने प्रकृति की मार सही है वे जानते है कि इससे निपटना और उबरना कितना तकलीफ भरा है। परन्तु यही विध्वंस अगर सिनेमा के परदे पर हो तो रोमांचकारी हो जाता है। मंत्र मुग्ध दर्शक सीट से अलग होने को राजी नहीं होता।
दर्शकों को इसी अनुभव से 20 बरस पहले ( 10 मई 1996 ) रूबरू कराया था Twister ने। स्टीवन स्पीलबर्ग को जेफ हटलों ने 10 पेज की एक कहानी पढ़ने के लिए दी। यह कहानी उन्हें इतनी पसंद आई कि उन्होंने तुरंत उसे माइकल क्रायतन और उनकी पत्नि एनी मारी मार्टिन ( जुरासिक पार्क ) को स्क्रीनप्ले तैयार करने के लिए अनुबंधित कर लिया। उस दौर में माइकल क्रायतन की फीस हुआ करती थी 25 लाख डॉलर। फिल्म के निर्देशन के लिए जेन डी बाँट (jane de bont ) को लाया गया जो 1994 में रोमांचक ' स्पीड ' (speed ) से अपनी धाक जमा चुके थे। चूँकि फिल्म पूरी तरह से आउटडोर शूट होना थी और स्पेशल इफ़ेक्ट जरुरी थे इसलिए Twister का बजट 70 मिलीयन डॉलर रखा गया , जो की Speed से दुगना था।
Twister नायिका प्रधान फिल्म थी लिहाजा निर्देशक जेन डी बाँट की एक मात्र पसंद हेलन हंट थी जो उस समय टेलीविज़न कॉमेडी सीरीज MAD ABOUT YOU में लोकप्रियता की पायदान पर तेजी से छलांग भर रही थी।
नायक बने ' बिल पैक्सटन ' जो ' टर्मिनेटर ' ' एलियन ' ट्रू लाइ ' जैसी बड़ी फिल्मों में छोटी भूमिकाओ के बल पर पहचान बना चुके थे।
नायक बने ' बिल पैक्सटन ' जो ' टर्मिनेटर ' ' एलियन ' ट्रू लाइ ' जैसी बड़ी फिल्मों में छोटी भूमिकाओ के बल पर पहचान बना चुके थे।
अमेरिका के ओक्लाहोमा राज्य का अधिकाँश हिस्सा जब तब आने वाले टोरनेडो ( बवंडर ) के तांडव से त्रस्त है। ऐसा ही एक बवंडर पांच वर्षीया बच्ची के पिता को हवा में उड़ा कर मार देता है। नन्ही जो का एक मात्र सपना है सफल मौसम वैज्ञानिक बनकर बवंडर की गतिविधियों पर नजर रखना और लोगों को जान माल के नुक्सान से बचाना। बवंडरों का पीछा करती 'जो ' की निजी जिंदगी में भी मुश्किलें चल रही है। उसका वैवाहिक जीवन तलाक के बवंडर से ख़त्म होने वाला है। फिल्म का अंत सुखद है। ' जो ' अपना सपना पूरा करती है और उसकी शादी भी बच जाती है।
Twister पहली फिल्म थी जिसने आम जीवन में मौसम की अनिश्चितता के प्रति जागरूकता का माहौल बनाया। फिल्म के सभी रोमांचक दृश्यों को कई कैमरों से शूट किया गया था परिणाम स्वरुप 13 लाख फ़ीट नेगेटिव फिल्म का उपयोग हुआ। जबकि एक औसत फिल्म में 3 लाख फ़ीट फिल्म का उपयोग होता था। स्पेशल इफ़ेक्ट इस फिल्म की जान है। बवंडर में उड़ते मकान , ट्रेक्टर और गाय, दर्शक की सांस थाम लेते है। खलनायक की तरह नायक - नायिका का पीछा करता बवंडर क्लाइमेक्स को यादगार बना देता है।
Lovely views on Twister
ReplyDeletethank you dada ...i am obliged at least you take time to read my articles. i appreciate it .
DeleteLovely views on Twister
ReplyDeleteमैं ट्विस्टर देखने के लिए उत्साहित हो चला हूँ...!! पढ़कर ही अभिभूत हूँ!!!
ReplyDeleteअवश्य ही देखना । इसे देखना एक शानदार अनुभव है ।
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