फिल्मों के निर्माण में रचनात्मकता के साथ अर्थशास्त्र का भी सटीक संयोजन होना जरुरी है। किसी भी फिल्म के लिए जरुरी है कि वह किसी विषय को इस तरह प्रस्तुत करे ताकि दर्शक उससे जुड़ाव महसूस कर सके , उसमे दर्शाये कथानक को दर्शक अपने आसपास घटित होता देख सके। फिल्मकार अक्सर ऐसे विषयों का ही चुनाव करते है जिसमे उन्हें लगता है कि वे दर्शक को सिनेमाघर में खिंच लायेंगे और अपना निवेश मय मुनाफे के वसूल लेंगे । कुछ फिल्मकार अतीत के किस्सों और घटनाओ को अपनी फिल्मों की विषय वस्तु बनाने में उत्सुक रहे है तो कुछ इस तरह के कथानक को पसंद करते है जिसमे भविष्य की झलक हो !
स्टीवन एंड्रू सोदेन्बर्ग ऐसे अमेरिकन फिल्मकार रहे है जिन्होंने अपने आसपास घट रही घटनाओ पर कैमरा चलाया है और उसमे भविष्य के संकेतों को भी पिरोया है । उनकी पहली फिल्म ' सेक्स , लाइज एंड वीडियो टेप ' (1989) ऐसी फिल्म थी जिसमे फिल्म इंडस्ट्री के स्याह चेहरे को उजागर किया गया था। काफी बाद में एकता कपूर ने इसमें देशी तड़का मारकर ' लव सेक्स और धोखा (2010) बनाई थी। सोदेन्बर्ग की एक दर्जन से अधिक उल्लेखनीय फिल्मे रही है जिनमे ' ओशेन इलेवन ' श्रंखला की तीनो फिल्मे , फेंज काफ्का ' और ' एरिन ब्रोकोविक ' की बायोपिक जैसी फिल्मे भी शामिल है। अपनी पहली ही फिल्म से 'कैन्स फिल्म फेस्टिवल का '
पाम डी ओर ' एवं बाद में ' ट्रैफिक ' फिल्म के लिए अकादमी पुरूस्कार उनकी प्रतिभा का सही सम्मान करता है।
इस मौजूदा समय में सोदेन्बर्ग की एक एक दशक पुरानी फिल्म को ढूंढ ढूंढ कर देखा जा रहा है। यह फिल्म है ' कान्टेजियन ' ! कोरोना वायरस के फैलाव की भविष्यवाणी करती इस फिल्म का आइडिया उन्हें 2002 से 2004 के मध्य फैले ' सार्स ' वायरस और 2009 में फैली ' फ्लू ' की महामारी से आया था। सोदेन्बर्ग की फिल्मों में अमूमन - व्यक्तिगत पहचान , बदला , नैतिकता और सेक्सुअलिटी केंद्र में रहते है। उनकी फिल्मों की सिनेमोटोग्राफी भी स्मरणीय रही है। 3 सितंबर 2011 को प्रदर्शित कान्टेजियन की स्टार कास्ट भी जबरदस्त है। मैट डेमोन , केट विंसलेट , मारिओं कोटिलार्ड ,जुड लॉ , गायनेथ पेल्ट्रो , लारेन्स फिशबर्न , जेनिफर एहल आदि मुख्य कलाकार है। 106 मिनिट की अवधि वाली यह फिल्म पुरे समय दर्शक को मौत के आसन्न भय और अच्छी भली व्यवस्था के भरभरा कर गिर जाने का सटीक चित्रांकन करती है। इसे भविष्यवाणी ही माना जाना चाहिए कि कोरोना की तरह इस फिल्म में आतंक मचाने वाला ' नोवेल वायरस ' हांगकांग से दुनिया में फैलता है और मनुष्य के साथ अर्थव्यवस्था को भी धराशाही कर देता है। विदित हो कि हांगकांग चीन का ही एक हिस्सा है।
इस फिल्म की शूटिंग हांगकांग के अलावा लंदन , जिनेवा , सैनफ्रांसिस्को , और कैलिफ़ोर्निया में रियल लोकेशन पर हुई है। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इसके फिल्मांकन के लिए कही भी नकली सेट नहीं लगाए गए न ही भीड़ जुटाने के लिए एक्स्ट्रा कलाकारों की मदद ली गई। विश्व स्वास्थ संगठन ( डब्लू एच ओ ) ने इस फिल्म की पटकथा लिखने में रचनात्मक सहयोग प्रदान किया !
कोरोना आपदा के दौर में ' कान्टेजियन ' को इंटरनेट पर अवैध रूप से डाउनलोड कर देखने की रफ़्तार में पांच हजार प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यूट्यूब पर इसे तलाशने की कोशिश न करे। कान्टेजियन नाम से बहुत सारे वीडियो है लेकिन वे सब अनुपयोगी है। अमेजन प्राइम पर इस फिल्म को एच डी फॉर्मेट में हिंदी सब टाइटल के साथ देखा जा सकता है। ' कान्टेजियन ' को लेकर बनी उत्सुकता और कोरोना प्रकोप के चलते इस फिल्म के सभी अभिनेताओं ने 27 मार्च को एक वीडियो जारी करते हुए इस महामारी से बचने के लिए क्वारंटाइन , आइसोलेशन , हैंड वाश , नो हैंड शेक जैसे शब्दों को दोहराया है। आज साधारण बोलचाल में प्रयुक्त होने ये शब्द सबसे पहले इसी फिल्म में बोले गए थे !
स्टीवन एंड्रू सोदेन्बर्ग ऐसे अमेरिकन फिल्मकार रहे है जिन्होंने अपने आसपास घट रही घटनाओ पर कैमरा चलाया है और उसमे भविष्य के संकेतों को भी पिरोया है । उनकी पहली फिल्म ' सेक्स , लाइज एंड वीडियो टेप ' (1989) ऐसी फिल्म थी जिसमे फिल्म इंडस्ट्री के स्याह चेहरे को उजागर किया गया था। काफी बाद में एकता कपूर ने इसमें देशी तड़का मारकर ' लव सेक्स और धोखा (2010) बनाई थी। सोदेन्बर्ग की एक दर्जन से अधिक उल्लेखनीय फिल्मे रही है जिनमे ' ओशेन इलेवन ' श्रंखला की तीनो फिल्मे , फेंज काफ्का ' और ' एरिन ब्रोकोविक ' की बायोपिक जैसी फिल्मे भी शामिल है। अपनी पहली ही फिल्म से 'कैन्स फिल्म फेस्टिवल का '
पाम डी ओर ' एवं बाद में ' ट्रैफिक ' फिल्म के लिए अकादमी पुरूस्कार उनकी प्रतिभा का सही सम्मान करता है।
इस मौजूदा समय में सोदेन्बर्ग की एक एक दशक पुरानी फिल्म को ढूंढ ढूंढ कर देखा जा रहा है। यह फिल्म है ' कान्टेजियन ' ! कोरोना वायरस के फैलाव की भविष्यवाणी करती इस फिल्म का आइडिया उन्हें 2002 से 2004 के मध्य फैले ' सार्स ' वायरस और 2009 में फैली ' फ्लू ' की महामारी से आया था। सोदेन्बर्ग की फिल्मों में अमूमन - व्यक्तिगत पहचान , बदला , नैतिकता और सेक्सुअलिटी केंद्र में रहते है। उनकी फिल्मों की सिनेमोटोग्राफी भी स्मरणीय रही है। 3 सितंबर 2011 को प्रदर्शित कान्टेजियन की स्टार कास्ट भी जबरदस्त है। मैट डेमोन , केट विंसलेट , मारिओं कोटिलार्ड ,जुड लॉ , गायनेथ पेल्ट्रो , लारेन्स फिशबर्न , जेनिफर एहल आदि मुख्य कलाकार है। 106 मिनिट की अवधि वाली यह फिल्म पुरे समय दर्शक को मौत के आसन्न भय और अच्छी भली व्यवस्था के भरभरा कर गिर जाने का सटीक चित्रांकन करती है। इसे भविष्यवाणी ही माना जाना चाहिए कि कोरोना की तरह इस फिल्म में आतंक मचाने वाला ' नोवेल वायरस ' हांगकांग से दुनिया में फैलता है और मनुष्य के साथ अर्थव्यवस्था को भी धराशाही कर देता है। विदित हो कि हांगकांग चीन का ही एक हिस्सा है।
इस फिल्म की शूटिंग हांगकांग के अलावा लंदन , जिनेवा , सैनफ्रांसिस्को , और कैलिफ़ोर्निया में रियल लोकेशन पर हुई है। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इसके फिल्मांकन के लिए कही भी नकली सेट नहीं लगाए गए न ही भीड़ जुटाने के लिए एक्स्ट्रा कलाकारों की मदद ली गई। विश्व स्वास्थ संगठन ( डब्लू एच ओ ) ने इस फिल्म की पटकथा लिखने में रचनात्मक सहयोग प्रदान किया !
कोरोना आपदा के दौर में ' कान्टेजियन ' को इंटरनेट पर अवैध रूप से डाउनलोड कर देखने की रफ़्तार में पांच हजार प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यूट्यूब पर इसे तलाशने की कोशिश न करे। कान्टेजियन नाम से बहुत सारे वीडियो है लेकिन वे सब अनुपयोगी है। अमेजन प्राइम पर इस फिल्म को एच डी फॉर्मेट में हिंदी सब टाइटल के साथ देखा जा सकता है। ' कान्टेजियन ' को लेकर बनी उत्सुकता और कोरोना प्रकोप के चलते इस फिल्म के सभी अभिनेताओं ने 27 मार्च को एक वीडियो जारी करते हुए इस महामारी से बचने के लिए क्वारंटाइन , आइसोलेशन , हैंड वाश , नो हैंड शेक जैसे शब्दों को दोहराया है। आज साधारण बोलचाल में प्रयुक्त होने ये शब्द सबसे पहले इसी फिल्म में बोले गए थे !
No comments:
Post a Comment