बॉलीवुड में आमतौर पर शुक्रवार के दिन कोई सितारा उदय या अस्त होता है। क्योंकि विशेष अवसरों को छोड़कर अधिकांश फिल्मे इसी दिन पहली बार सिनेमाघर का मुँह देखती है। इसी दिन तय हो जाता है कि अमुक सितारा चूक रहा है या लगातार चमकता रहेगा। विगत की तरह निर्माता अब सफलता के लिए केवल दर्शकों के भरोसे नहीं रहता। फिल्म को प्रमोट करने के लिए परदे के पीछे कितने जतन किये जाते है इस तथ्य से औसत दर्शक बेखबर ही रहता है। सोशल मीडिया का चतुराई से दोहन कर फिल्म को किसी प्रोडक्ट की तरह दर्शक के दिमाग में बैठा दिया जाता है। इसमें भी दिलचस्प बात यह कि दर्शक कभी नहीं जान पाता कि उसे फिल्म देखने के लिए मना लिया गया है। प्रमोशन की तकनीक में टाइमिंग का विशेष ध्यान रखा जाता है। सोंची समझी रणनीति के तहत मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म से अभियान चलाया जाता है। मलयाली फिल्म ' ओरु अदार लव ' आगामी 18 जून को रिलीज़ हो रही है। परन्तु एन वेलेंटाइन के एक दिन पहले फिल्म की नायिका प्रिया प्रकाश और नायक रोशन अब्दुल रऊफ का नटखट वीडियो वायरल होना महज इत्तेफाक नहीं है। ओरु अदार लव ' एक किशोर प्रेम कथा है। हमेशा की तरह एक वर्ग विशेष ने फिल्म का विरोध आरम्भ कर दिया है। नतीजन प्रिया प्रकाश गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च होने वाली शख्सियत बन गई है। मात्र चोवीस घंटे में उन्होंने बरसों से टॉप सर्च रही सनी लियोन को पीछे छोड़ दिया।
रातोरात स्टारडम हासिल करने का यह प्रसंग अनूठा नहीं है। गुजरे समय में कई साधारण प्रतिभा के अभिनेता ' इंस्टेंट ' लोकप्रियता के ज्वार पर सवार हो प्रसिद्धि पा चुके है। हिंदी सिनेमा के दर्शक पद्मिनी कोल्हापुरे को भूले नहीं होंगे। ' सत्यम शिवम् सुंदरम ' में जीनत अमान के बचपन की भूमिका कर करियर आरम्भ करने वाली इस अभिनेत्री ने भारत दौरे पर आये ब्रिटिश युवराज प्रिंस चार्ल्स का चुम्बन लेकर सनसनी फैला दी थी। भावरहित चेहरे और औसत अभिनय के बावजूद पद्मिनी राजकपूर की फिल्म ' प्रेमरोग ' की नायिका बनी। एक साधारण अभिनेत्री के लिए राजकपूर की फिल्म का हिस्सा बनना उपलब्धि से कम नहीं है। इसी तरह साठ के दशक में ' जुबली कुमार 'के नाम से प्रसिद्ध एवं सफल राजेंद्र कुमार के आकर्षक पुत्र कुमार गौरव अपनी पहली फिल्म ' लव स्टोरी ' से इस कदर पॉपुलर हुए कि कई जमे जकड़े सितारों के पैरों तले जमीन खिसक गई। कुमार गौरव की लोकप्रियता का आलम यह था कि हिंदी फिल्मों के लगभग सभी निर्माता उन्हें लेकर फिल्म बनाना चाहते थे। बदकिस्मती से कुमार गौरव में अपने सफल पिता की अभिनय क्षमता का दस फीसदी भी नहीं था। वे कब फ्लॉप हो इंडस्ट्री से बाहर हो गये , उन्हें पता भी नहीं चला। यही हाल उनकी नायिका विजेयता पंडित का भी हुआ। कुमार गौरव की तरह ' भाग्यश्री ने भी ' मेने प्यार किया ' से धमाकेदार इंट्री ली थी। अस्सी के दशक की अधिकांश फ़िल्मी पत्रिकाओं ने भाग्यश्री के बारे में भविष्यवाणी की थी कि वे शीर्ष नायिकाओ की लिस्ट में अपना नाम जोड़ लेंगी। अफ़सोस ये हो न सका। सफलता ने भाग्यश्री को ऐसा बौराया कि उन्होंने अपनी हर फिल्म में अपने पति हिमालय को प्रमोट करना शुरू कर दिया। परिणाम - दोनों ही डूब गये। नीली आँखों वाली गौरवर्ण ' मंदाकिनी ' फिल्म ' राम तेरी गंगा मैली ' में एक विवादास्पद दृश्य कर लोकप्रियता के सातवे आसमान पर जा बैठी थी। राजकपूर की मेहनत और नाम की वजह से मिली सफलता को वे अपना मान बैठी। मंदाकिनी शिखर से जो फिसली तो फिसलती ही चली गई। ' राम तेरी गंगा मैली ' के अलावा मंदाकिनी की उपलब्धियों में दाऊद इब्राहिम की प्रेमिका बन जाना उल्लेखनीय है।
चार दिन की चांदनी , फिर अँधेरी रात ' मुहावरे के दायरे में आने वाले सितारों की फेहरिस्त लम्बी है। राहुल रॉय , अनु अग्रवाल ( आशिकी ) ग्रेसी सिंह ( लगान ) भूमिका चावला ( तेरे नाम ) विवेक मुश्रान ( सौदागर ) शेखर सुमन ( उत्सव ) अरमान कोहली (जानी दुश्मन ) जुगल हंसराज ( पापा कहते है ) उदय चोपड़ा ( मोहब्बते ) हरमन बावेजा ( लव स्टोरी 2050 ) आदि इत्यादि। ये सभी लोग किस्मत के धनी इस लिहाज से थे कि इन्हे किसी न किसी बड़े डायरेक्टर या बड़े बैनर ने लांच किया था।
प्रिया प्रकाश के लिए यह जान लेना जरुरी है कि लोकप्रियता पहचान तो दिला देती है परन्तु गीली मिटटी में पाँव जमाने के लिए प्रतिभा का अपना योगदान होना जरुरी होता है। ज्यादा समय नहीं हुआ जब तमिल सितारे धनुष का कुछ तो भी गीत ' कोलावरी डी ' वैश्विक स्तर पर धूम मचा रहा था। इस गीत के बाद आज धनुष कहाँ है ? क्या अब भी वे इतने ही पॉपुलर है ? जिस फिल्म का यह गीत था उसका नाम किसी को याद है ?
आराम से सोंचिये। कोई जल्दी नहीं है।