Thursday, July 28, 2016

FRIENDS ( TV Series ): Tragedy of popularity : लोकप्रियता की त्रासदी

अक्सर यह सवाल मन में उठता है कि दूरदर्शन के सफलतम  धारावाहिक ' रामायण ' ' महाभारत ' ' भारत एक खोज ' के अधिकांश एक्टर फिर बाद में  नजर क्यों  नहीं आये ? इन धारावाहिको ने लोकप्रियता की उस ऊंचाई को छुआ था जिसका जिक्र  आज भी मिसाल के तौर पर किया जाता है . जब ये धारावाहिक लोकप्रिय हुए तो इनके एक्टर भी उसी तरह घर घर में पहचाने और पूजे गए जिस तरह के पात्रों का इन्होंने अभिनय किया था . फिर ऐसा क्या हुआ कि इन धारवाहिकों के समाप्त होते ही  ये लोग कुछ समय के बाद गुम हो गए? पहला कारण जो मुझे लगता है , ये लोग अपनी भूमिकाओं में इतने टाइप्ड हो गए कि दर्शक ने इन्हें दूसरे किरदार में स्वीकार नहीं किया या फिर ये लोग धारवाहिक की लोकप्रियता को अपनी अदाकारी का परिणाम मानने लग गए थे . जबकि अधिकाँश एक्टर नए थे और उनकी भूमिका में अभिनय की गुंजाइश न के बराबर थी . जैसे ही ये लोग चुनचुनाती रौशनी के दायरे से बाहर आये , नकार दिए गए .
ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं हुआ  हॉलीवुड में भी एक इतना ही जीवंत उदाहरण मौजूद है . अंग्रेजी धारवाहिक एवं फिल्मे पसंद करने वाले दर्शक  F.R.I.E.N.D.S से बखूबी परिचित है . एक समय यह कॉमेडी  धारवाहिक दुनिया में सबसे लंबे चलने वाले धारवाहिकों में टॉप पर था . 1994 से 2004 तक इसके करीब 240 एपिसोड प्रसारित किये गए और दर्शकों ने भी इसे जबरदस्त पसंद किया . 6 दोस्तों के इर्द गिर्द घूमता यह धारवाहिक अमेरिका के अलावा यूरोप , ब्रिटैन, ऑस्ट्रेलिया और रशिया में भी सराहा और पसंद किया गया . इसके 6 पात्र  रॉस , चैंडलर ,जोयी ,मोनिका ,फीबी , रेचल दुनिया भर में लोकप्रिय हुए और पहचाने गए . परंतु इनके से साथ भी यही विडम्बना हुई कि शो ख़त्म होने के बाद इन्हें हॉलीवुड ने भी बुलाया परंतु सिवाय जेनिफर एनिस्टन के कोई भी फिल्मो में सफल नहीं हो सका .
एक ही भूमिका को लंबे समय तक करने से अभिनय में तो निखार आ जाता है परन्तु एक्टर दर्शक की याददाश्त में महज ' पात्र ' विशेष बनकर चिपक जाता है . कैमरा बंद होते ही एक्टर तो अपना मेकअप उतार देता है परंतु दर्शक उसे किसी और भूमिका में मुश्किल से स्वीकार कर पाता है .
 लोकप्रिय एक्टर की यही  त्रासदी है .




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